धम्म और धर्म में जमीन आसमान का अंतर है। JyotishAmbedkar
धम्म और धर्म में जमीन आसमान का अंतर है। एक जमीन है तो दूसरा आसमान है। एक विज्ञान यानि जांचने परखने (परिक्षण/रिसर्च) पर खडा है तो दूसरा कल्पना यानि बिना जांचे परखे सिर्फ मानने से चल रहा है। एक मुंह खोलकर प्रश्न के सवाल जवाब पर खरा है तो दुसरा मुंह बंद करके सिर्फ सुनने और मानने का आदेशों निर्देशों का पुलिंदा है। एक सवालों से निखरता है और दूसरा सवालों से डरता है। एक वैज्ञानिक है तो दूसरा अवैज्ञानिक है। एक प्राकृतिक (Natural) है तो दूसरा अप्राकृतिक है। Jyotish Ambedkar एक को जानने से व्यक्ति करुणामयी, अहिंसक बनता है और दुसरा हिंसक बनाता है।एक मानसिक विकार दूर करता है दूसरा मानसिक रोगी बनाता है। एक में बहुसंख्यक लोगों का भला है तो दूसरे में सिर्फ काल्पनिक बातों का प्रचार प्रसार करनेवाले अल्पसंख्यक लोगों दवारा बहुसंख्यकों का शोषण है। इसलिए कार्ल मार्क्स ने धर्म को अफीम कहा है * यानि नशा सिर्फ बर्बाद करता है। @JyotishAmbedkar