जाति व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक संरचना है। “Castes in India” B.R.Ambedkar
“Castes in India”
- कुछ लोग अपनी जाति पर ऐसे गर्व करते हैं
- जैसे कि एक्जाम पास करने के बाद
- नंबर के आधार पर जाति अलॉट हुई हो!
- ये बकवास है कि जाति जन्मना नहीं, कर्मणा है।
- जाति कभी कर्म आधारित नहीं थी।
- जन्म से जैसे आपकी पीठ पर तिल है,
- वैसी ही चीज है जाति।
- जन्म के समय ही चिपक जाती है।
@AmbedkarJyotish // jyotish Ambedkar |
- जाति व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक संरचना है।
- एक जाति से जाति व्यवस्था नहीं बन सकती।
- हमेशा जातियों की ज़रूरत होती है।
- जाति बहुवचन में ही काम कर सकती है।
- हर किसी को किसी से ऊपर या नीचे रखने की व्यवस्था है जाति।
- इसलिए बाबा साहब ने
- “Caste in India” नहीं “Castes in India” किताब लिखी।
@AmbedkarJyotish // Jyotish Ambedkar |
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